मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार

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मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार

मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार ( manspeshiyon me dard ka ayurvedic upchar ) : मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार कई होते है। मांसपेशियों के दर्द को मायलजिया ( Myalgia) कहा जाता है जो शरीर के किसी भी भाग की मांसपेशियों में होने वाला दर्द होता है।

मांसपेशियों में होने वाले दर्द कई प्रकार के होते है जिनमें से कुछ का दर्द कम समय के लिए और कुछ का समय अधिक समय के लिए होते है। मांसपेशियों में दर्द एक सामान्य समस्या है जिनको ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाया जाता है। मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार की विस्तृत जानकारी आगे दी गयी है –

मांसपेशियों में दर्द के कारण

मांसपेशियों में दर्द का मुख्य कारण सामान्यतः तनाव, चिंता, चोट लगना व किसी कार्य को अधिक समय तक करना होता है। लेकिन ऐसे अन्य भी बहुत से कारण होते है जिसकी वजह से मांसपेशियों में दर्द उत्पन्न हो सकता है। मांसपेशियों में दर्द के कारण निम्नलिखित है –

  1. इन्फ्लूएंजा के कारण होने वाला मांसपेशियों का दर्द
  2. त्वचा व अंदरूनी मांसपेशियों में सूजन
  3. थायराइड में मांसपेशियों का दर्द
  4. मांसपेशियों में खिंचाव
  5. गठिया रोग में होने वाला मांसपेशियों में दर्द
  6. इंफ्लुएंजा जो एक प्रकार का फ्लू होता है
  7. अधिक व्यायाम और एक्सरसाइज के कारण मांसपेशियों में दर्द
  8. अधिक आराम करने से शरीर में ऐंठन व दर्द
  9. भारी वजन उठाने से मांसपेशियों में दर्द
  10. क्रोनिक एक्सर्शनल कम्पार्टमेंट सिंड्रोम
  11. क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम

मांसपेशियों में दर्द के लक्षण

मांसपेशियों में होने वाले दर्द के लक्षण कई होते है जिनके कुछ सामान्य तथा कुछ गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते है। मांसपेशियों में दर्द के लक्षण है –

  1. नरम ऊतकों के संक्रमण
  2. चोट लगने से मांसपेशियों में तेज दर्द या खिंचाव
  3. शरीर में सूजन के कारण दर्द और ऐंठन होना
  4. आराम करने के दौरान शरीर में अकड़न

मांसपेशियों में दर्द के प्रकार

मांसपेशियों में दर्द के चार प्रकार होते है और मांसपेशियों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति को इसके बारे में जानना जरुरी होता है। मांसपेशियों में दर्द के प्रकार है –

  • एपीडेमिक मायलजिया (Epidemic Myalgia) – यह मांसपेशियों में दर्द का एक प्रकार होता है जो सामान्यतः संक्रमण के कारण उत्पन्न होता है। इस प्रकार के मांसपेशियों के दर्द में पेट का ऊपरी भाग व छाती का निचले भाग में दर्द होता है।
  • फाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia) – यह मांसपेशियों का दर्द है जो शरीर के दोनों तरफ के भागों में होता है। इसका दर्द कभी कम और कभी दबाव पड़ने पर अधिक हो जाता है।
  • ट्रैपिजियस (Trapezius) – यह मांसपेशियों में होने वाले दर्द का एक प्रकार है। इस प्रकार का दर्द तब उत्पन्न होता है जब मांसपेशियों में किसी प्रकार का दर्द होने लगता है। यह मुख्यतः गर्दन को प्रभावित करता है जो बहुत लंबे समय तक रह सकता है।
  • पोलिमायलजिया (Polymyalgia) – यह मांसपेशियों का दर्द है जिसके लक्षण अधिकांशतः बुजुर्गों में दिखायी देते है। यह सूजन के कारण होने वाला दर्द है जो कंधों, गर्दन, पीठ और ऊपर की बाहों को प्रभावित करता है।

मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार ( ayurvedic treatment for muscle pain in hindi )

  • मांसपेशियों में दर्द को पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेकर खत्म किया जा सकता है, संतुलित आहार जो पोषक तत्वों से भरपूर हो ऐसा भोजन करने से यह मांसपेशियों की मरम्मत होती है जिससे मांसपेशियों के रोग और दर्द से बचा जा सकता है।
  • मैंग्नीशियम मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में बहुत लाभकारी होता है, मैग्नीशियम की उचित मात्रा पाने के लिए काजू, कद्दू के बीज, अलसी के बीज, तिल के बीज, पालक, गुड़ आदि खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम प्राप्त किया जा सकता है और मांसपेशियों के दर्द को दूर किया जा सकता है।
  • मांसपेशियों में दर्द को दूर करने के लिए हल्दी का सेवन करना फायदेमंद होता है, हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण पाए जाते है जो मांसपेशियों के दर्द को तुरंत कम करने में सहायक होती है। मांसपेशियों में दर्द को कम करने के लिए हल्दी वाला दूध पीने से फायदा होता है।
  • अदरक का इस्तेमाल दर्द निवारक के रूप में किया जाता है, अदरक एक प्राकृतिक औषधि के रूप में कार्य करता है जिसका सेवन करने से मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है। मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए अदरक को पकाकर या इससे बने खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन करने से राहत मिलती है।
  • मांसपेशियों में होने वाले दर्द को स्नान से कम किया जा सकता है, दर्द होने पर बारी-बारी से गर्म व ठंडे पानी से स्नान करने से दर्द वाले भाग में रक्त का परिसंचरण उचित तरीके से होने लगता है जिससे दर्द कम होने में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रभावित भाग पर गर्म पानी का सेक करने से भी मांसपेशियों के दर्द से बचा जा सकता है।
  • वजन को घटाना मांसपेशियों के दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है, मोटापे के कारण कई लोगों में मांसपेशियों का दर्द होने लगता है जो ज्यादातर टांगों, घुटनों और कमर में होता है। रोजाना एक्सरसाइज और व्यायाम करने से वजन को घटाया जा सकता है जिससे मांसपेशियों के दर्द में भी राहत मिलती है।
  • मांसपेशियों में दर्द के उपचार के लिए लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जा सकता है, लाल मिर्च में कैप्सैसिन पाया जाता है जो अर्थराइटिस में होने वाले मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है। थोड़ा सा लाल मिर्च पाउडर को गर्म जैतून के तेल या नारियल के तेल में मिलाकर दर्द वाले भाग पर लगाए इससे दर्द ठीक होने में मदद मिलेगी।
  • सेब का सिरका मांसपेशियों में दर्द को छुटकारा दिलाने में सहायक होता है, सेब के सिरके में उचित मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है। सेब के सिरके का सेवन करने से मांसपेशियों के दर्द कम किया जा सकता है।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलता है, शरीर में पानी की कमी से रक्त संचार संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती है जिससे मांसपेशियों में ऐंठन, जकड़न और दर्द होने लगता है। प्रतिदिन उचित मात्रा में पानी पीने से मांसपेशियों के दर्द से सुरक्षित रहा जा सकता है।
  • मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक में तुलसी का उपयोग करना लाभकारी होता है, तुलसी में वात के विकारों को रोकने के गुण होते है जो मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने में भी सहायक होती है। मांसपेशियों से पीड़ित व्यक्ति को तुलसी के पत्तों के रस में सरसों का तेल मिलाकर दर्द वाले भाग पर लगाने से दर्द तुरंत ठीक हो जाता है।

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