मोती पिष्टी के फायदे और नुकसान ( moti pishti ke fayde or nuksan ) : मोती पिष्टी के फायदे और नुकसान ढेर सारे हैं, मोती पिष्टी एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे बिना डॉक्टर के पर्चे के उपयोग में लाया जा सकता है। मोती पिष्टी का उपयोग मुख्यतः एसिडिटी के इलाज के लिए किया जाता है।
मोती पिष्टी की खुराक व्यक्ति की आयु, लिंग और समस्या के अनुसार दी जाती है। मोती पिष्टी की तासीर ठंडी होती है मोती पिष्टी के फायदे की पूरी जानकारी नीचे दी गयी है –
मोती पिष्टी के घटक
- मोती
- गुलाब जल
मोती पिष्टी की सेवन विधि
मोती पिष्टी की सेवन विधि जानना जरुरी है। मोती पिष्टी वयस्क और बुजुर्गों के लिए है तथा इसकी निर्धारित खुराक लेना आवश्यक होता है। मोती पिष्टी को दिन में कभी दूध के साथ लिया जा सकता है। मोती पिष्टी की अधिकतम मात्रा 250mg तक दिन में दो बार ली जा सकता है। मोती पिष्टी लेने की अवधि 2 महीने की हो सकती है। मोती पिष्टी बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए एक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है।
मोती पिष्टी के फायदे ( Benefits of Moti Pishti in hindi )
- मोती पिष्टी का उपयोग एसिडिटी की समस्या से निजात दिलाने के लिए किया जाता है। एसिडिटी को पेट में जलन भी कहा जाता है जिसमें मुख्यतः छाती और सीने में जलन होती है। एसिडिटी की परेशानियों को दूर करने के लिए मोती पिष्टी का सेवन किया जाता है। मोती पिष्टी की नियमित खुराक का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या दूर हो जाती है।
- मोती पिष्टी कैल्शियम की कमी को पूरा करने में काफी मददगार होती है। मोती पिष्टी में उचित मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है जो शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर देती है। जिन लोगों को कैल्शियम की कमी की शिकायत है उन लोगों को नियमित रूप से मोती पिष्टी का सेवन करना चाहिए इससे इनकी समस्या ठीक हो जाती है।
- मोती पिष्टी के फायदे खांसी, कफ, बुखार और सिरदर्द से पीड़ित रोगियों के लिए लाभकारी है। खांसी, कफ, बुखार और सिरदर्द होने पर मोती पिष्टी की निर्धारित खुराक का सेवन करें। ऐसा करने से इन सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
- मोती पिष्टी शारीरिक दुर्बलता, वीर्य कमी और कमजोरी को दूर करने में सहायक है। जो पुरुष शारीरिक दुर्बलता, वीर्य कमी और कमजोरी से ग्रस्त है उनको मोती पिष्टी का सेवन करना चाहिए। नियमित रूप से मोती पिष्टी की खुराक लेने से शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
- दमा के रोगियों के लिए मोती पिष्टी हितकारी मानी जाती है। दमा को अस्थमा भी कहा जाता है जो फेफड़ों के वायुमार्गों में होने वाली एक इंफेल्मेटरी बीमारी है। दमा होने पर यह सांस लेने में मुश्किल करता है जिससे शारीरिक कार्यों को करने में बहुत मुश्किल होती है। मोती पिष्टी में ऐसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते है जो दमा में सुधार करने में सहायक होते है। दमा के रोगियों को मोती पिष्टी की खुराक लेने की सलाह दी जाती है इससे दमा को ठीक किया जा सकता है।
- मोती पिष्टी शरीर को शीतल बनाए रखने में बेहद असरदार होती है। मोती पिष्टी की तासीर ठंडी होती है जिसका सेवन करने से शरीर को शीतलता प्रदान होती है। मोती पिष्टी के सेवन से पैर, हाथों में जलन आदि को दूर किया जा सकता है।
- मोती पिष्टी के फायदे पेशाब में जलन व दर्द को ठीक करने में मददगार होती है। पेशाब में जलन व दर्द को डिस्यूरिया कहा जाता है। जिसमें मूत्र मार्ग व जननांगों के आसपास दर्द और जलन महसूस होती है। कोई भी स्त्री या पुरुष इस समस्या से पीड़ित है तो उनको मोती पिष्टी का सेवन करने से सलाह दी जाती है। मोती पिष्टी के सेवन से पेशाब में जलन और दर्द को दूर किया जा सकता है।
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मोती पिष्टी के नुकसान ( Harms of Moti Pishti in hindi )
मोती पिष्टी के फायदे के अलावा मोती पिष्टी के नुकसान जान लेना भी जरुरी होता है। मोती पिष्टी का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से बचे इसकी निर्धारित खुराक का ही इस्तेमाल करें। मोती पिष्टी का सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें। इसके अलावा किसी रोग के इलाज के दौरान भी मोती पिष्टी का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।