पीरियड्स नहीं आने के कारण और उपाय ( period nahi aane ke karan aur upay ) : मासिक धर्म महिलाओं के लिए समस्या नहीं, बल्कि प्रकृति का एक विशेष उपहार है लेकिन जब मासिक धर्म अनियमित हो जाए तो यह जरूर एक समस्या बन जाता है। मासिक धर्म के अनियमित होने का मतलब होता है कि पीरियड का अनियमित तरीके से होना यानी देर से होना या न होना।
नियमित रूप से एक महिला को 21 से 35 दिन के अंदर पीरियड्स होते हैं, जो थोड़ा बहुत आगे पीछे हो सकते हैं। अगर किसी महिला को पीरियड 35 दिनों से ज्यादा देर से हो रहे हैं तो हो सकता है कि उस महिला को कोई विकार या समस्या हो।
पीरियड्स नहीं आने का कारण हर बार प्रेग्नेंसी ही नहीं होता है बल्कि कई बार इसके लिए दूसरे कारक भी जिम्मेदार होते हैं जैसे खान-पान व रहन-सहन, तनाव, बुखार, गर्भ-निरोधक गोलियों का सेवन, स्तनपान, मोटापा व दुर्बलता, ज्यादा एक्सरसाइज करना, हार्मोन असंतुलित होना, डायबिटीज और थायराइड आदि कुछ ऐसी ही वजहें हैं, जिनके कारण पीरियड आना बंद हो सकता है
लेकिन क्या आप जानते हैं, कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिनका उपयोग कर आप अनियमित पीरियड को सामान्य कर सकती है। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से पीरियड्स नहीं आने के कारण और उपाय के बारे में।
पीरियड नहीं आने के स्वाभाविक कारण (Natural reasons for not getting Periods in hindi)
गर्भावस्था (Pregnancy)
अगर गर्भधारण हो जाए तो ओवुलेशन नहीं होता है और न ही पीरियड आते हैं इसलिए गर्भावस्था के दौरान पूरे नौ महीनों के लिए माहवारी यानी मासिक धर्म की क्रिया रुक जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान थोड़ी ब्लीडिंग महसूस हो सकती है, लेकिन यह पीरियड्स के कारण नहीं होती है।
स्तनपान (Breastfeeding)
स्तनपान कराने वाली महिलाओं में भी पीरियड्स की अनियमितता देखी गई है। बहुत सी महिलाओं को समय पर पीरियड्स आने तब तक शुरू नहीं होते हैं जब तक कि वह महिला बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान कराना बंद नहीं कर देते हैं।
मेनोपॉज ( Menopause )
जब महिलाएं उम्र में 40 से 45 साल के आस-पास होती है, तो उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में पीरियड्स आना भी बंद हो जाता है। अगर यह प्रक्रिया समय से पहले हो तो इसे प्री-मेनोपॉज कहा जाता है। ऐसे में महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पीरियड नहीं आने के अन्य कारण ( Other reasons for not having periods )
तनाव ( Stress)
तनाव का असर शरीर पर कई तरीकों से पड़ता है, जिसमें पीरियड भी शामिल है। शारीरिक व मानसिक तनाव के कारण पीरियड अनियमित हो जाते हैं, जिस कारण पीरियड्स या तो देरी से आते है या पीरियड्स आना ही बंद हो जाते हैं।
मोटापा (Obesity)
कई बार मोटापे की वजह से भी पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, जिसकी वजह से पीरियड्स आने में देरी हो सकती है। हालांकि, यह समस्या कम वजन वाली महिला यानी दुर्बल महिला को भी होती है लेकिन मोटापा इसका प्रमुख कारण है। सामान्य पीरियड्स के लिए हेल्दी वेट बेहद जरुरी है।
बीमारी (Disease)
अचानक से हुए बुखार, सर्दी- खांसी या किसी लंबी बीमारी के चलते भी पीरियड्स में देरी हो सकती है। यह प्रक्रिया अस्थायी रूप से होती है इसलिए जब आप बीमारी से ठीक हो जाती हैं, तो आपके पीरियड्स फिर से नियमित हो जाते हैं।
खान-पान व दिनचर्या में बदलाव (Change in diet and routine)
खानपान में बदलाव के कारण भी कई बार पीरियड अनियमित हो जाते हैं। जिस कारण पीरियड या तो जल्दी आते हैं या फिर देरी से आने की संभावना होती है। ऐसे में खाने का शेड्यूल बार-बार बदलने से परहेज करें। इसके अलावा दिनचर्या में बदलाव के कारण भी कई बार पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं जैसे नाइट शिफ्ट में काम करना, शहर से बाहर आना-जाना या फिर घर में किसी शादी या फंक्शन के दौरान आपके रूटीन में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं। लेकिन जब आप अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस आ जाती हैं तो पीरियड्स भी नियमित हो जाते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां (Contraceptive pills)
जो महिलाएं गर्भ-निरोधक गोलियों का सेवन करती है, उन महिलाओं के मासिक धर्म में बदलाव होना स्वाभाविक है क्योंकि गर्भ-निरोधक गोलियां सीधा ओव्यूलेशन पर असर डालती है। ऐसी दवाएं लेने पर या तो पीरियड्स कम आते हैं या जल्दी जल्दी आते हैं या बिल्कुल ही आने बंद हो जाते हैं। इसके अलावा गर्भ-निरोधक गोलियां लम्बे समय तक लेकर बंद करने पर भी कई बार पीरियड आना बंद हो सकते हैं ।
थायराइड व शुगर (Thyroid and Sugar)
थायराइड हार्मोन भी परियडस में एक अहम भूमिका निभाता है। अगर शरीर में पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बनता, तो यह शरीर में हार्मोन के स्तर को असंतुलित कर सकता है, जिस कारण पीरियड आना बंद हो सकता है। इसके अलावा जिन महिलाओं को शुगर की समस्या होती है, उन महिलाओं में भी पीरियड मिस होने की संभावना अधिक होती है।
सामान्य पीरियड के लिए इन विशेष बातों का ध्यान दें –
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं इसलिए अपने भोजन में पौष्टिक आहार शामिल करें। शरीर में पोषक तत्व की कमी पूरी होने से पीरियड्स समय पर होंगे।
- माना जाता है कि गर्म पानी से स्नान करने या गर्म पानी की पोटली पेट पर रखने से पीरियड जल्दी आने की संभावना बनती है। गर्म पानी से नहाने से आपकी मसल्स में लचीलापन आता है, जिस कारण मासिक धर्म लेट नहीं आता है। इसके अलावा पीरियड्स के दौरान गर्म पानी से नहाने पर पीरियड में होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है।
- पीरियड्स नहीं होने का कारण आपका तनाव भी हो सकता है इसलिए तनाव को खुद पर इतना भी हावी न होने दें कि यह आपको नुकसान पहुंचाने लगें। इसके अलावा आप तनाव से जुड़ी समस्या को ठीक करने के लिए सर्वाइकल थरेपी का उपयोग कर सकते हैं। इसमें चिंता मुक्त होने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- पीरियड की तारीक यानी (Period Date) को याद रखें और कम से कम तीन महीनों तक आप नोटिस करें कि आपको पीरियड्स कैसा हो रहा है और रक्त में क्या बदलाव नजर आ रहे है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर महिला चिकित्सक से बात-चीत करें।
- अधिक मोटापे के कारण पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं इसलिए अपने भोजन में फाइबर युक्त आहार का सेवन करें क्योंकि फाइबर युक्त आहार का सेवन, पेट को लम्बे तक भरा हुआ रखता है और अनियमित भूख को नियमित करने में सहायक होता है। जो वजन को कम करने में आपकी मदद करता है। इसके अलावा आप अपने हेल्दी वेट के लिए रोजाना व्यायाम करें।
- थायराइड और शुगर की समस्या के कारण पीरियड्स अनियमित यानी लेट हो रहे है तो, चिकित्सक उपचार के द्वारा थायराइड और शुगर को ठीक करने की कोशिश करें।
पीरियड लाने के घरेलू उपाय (home remedies for periods )
मेथी दाना (Fenugreek Seeds)
मेथी के दानों को पानी में उबालकर, उस पानी को पीएं क्योंकि मेथी दाने की तासीर गर्म होती है, जो पीरियड को लाने में आपकी मदद करती है। इस घरेलू उपचार को अपनाने की आयुर्वेदिक चिकित्सक भी सलाह देते हैं।
अदरक (Ginger)
अदरक पीरियड्स लाने वाले सबसे ताकतवर घरेलू उपाय में एक है। अदरक बेहद गर्म होता है इसलिए अगर पीरियड आने में देरी हो गई है तो आप अजवाइन और अदरक की चाय पी सकती हैं। इसके अलावा आप अदरक को शहद के साथ मिलाकर भी खा सकती हैं इससे भी पीरियड आने में मदद मिलेगी। जानें अदरक के फायदे और नुकसान।
कच्चा पपीता (Raw Papaya)
कच्चा पपीते में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है, जो यूट्रस में कसाव पैदा करते है। कसाव के कारण पीरियड जल्दी आ जाते हैं। इसके लिए आप कच्चे पपीते का जूस बनाकर पिएं या अपने पीरियड्स डेट्स से कुछ दिन पहले से रोजाना पपीता खाना शुरू कर दें।
गाजर (Carrot )
गाजर पौष्टिक तत्व से भरपूर होता है, जो शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करता है और अनियमित पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। इसके लिए आप एक दिन में 2 से 3 गिलास ताजा गाजर का जूस पीएं। इसे पीने से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है जिससे मासिक धर्म चक्र जल्दी शुरू हो जाता है। इसके अलावा आप अनार के जूस का सेवन कर सकती हैं। जानें गाजर खाने के फायदे और नुकसान।
हल्दी (Turmeric )
हल्दी की तासीर गर्म होती है, जो पीरियड जल्दी लाने में आपकी मदद करती है। इसके लिए आप उबलते हुए पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर पीरियड के निर्धारित समय से पंद्रह दिन पहले से सुबह-शाम नियमित रूप से पीएं। इसे पीने से लगभग पाँच दिन पहले ही पीरियड होने शुरू हो जाते हैं। जानें हल्दी के फायदे और नुकसान – Turmeric।
गुड़ (Jaggery)
गुड़ एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो हर भारतीय रसोई घर में आसानी से मिल जाता है। गुड़ बेहद गर्म होता है इसलिए यह मासिक धर्म को समय से पहले होने में मदद करता है। इसके लिए आप तिल के साथ गुड़ का सेवन कर सकती हैं इसके अलावा एक गिलास पानी में अदरक के रस और गुड़ को घोलकर खाली पेट पीने से पीरियड समय से पहले आने शुरू हो जाते हैं। जानें गुड़ खाने के फायदे और नुकसान।
आवश्यक सूचना (Necessary Information )
अगर किसी महिला को अनियमित पीरियड या देरी से पीरियड आने की समस्या बनी रहती हैं और इन घरेलू उपाय के बाद भी समय से पीरियड आना शुरू नहीं होता हैं, तो वह महिला जल्द ही महिला चिकित्सक से संपर्क करें।
जानें बैधनाथ चंद्रप्रभा वटी के फायदे और नुकसान।