पुदीना के तेल के फायदे और नुकसान ( pudina ke tel ke fayde aur nuksan ) : पुदीना के तेल के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं। पुदीना को अंग्रेजी में (Peppermint) कहते हैं। पुदीना की तासीर बेहद ठंडी होती है जिसके कारण इसे गर्मियों के दिनों में अधिक इस्तेमाल किया जाता है। पुदीना की खेती लगभग हर मौसम में की जा सकती है। पुदीना के पौधे करीब 25-60 सेमी तक ऊंचे हो सकते हैं। पुदीना के पत्तों का कई प्रकार से उपयोग किया जा सकता है।
पुदीना के तेल के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of peppermint oil in hindi)
पुदीने के तेल को पुदीने की पत्तियों के अर्क से निकाला जाता है। पुदीने के तेल में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के घरेलु इलाज में मदद मिलती है।
अन्य भाषाओं में पुदीना के नाम –
पुदीना को संस्कृत में सुंधितपत्र (Sundhitpatra), गुजरती में पुदीनो (Pudino), उर्दू में फिलफिल (Filfil), कन्नड़ में मेरुगु (Merugu), तेलुगु में मिरियाला (Miriyala), मलयालम में कर्पूरमिंट (Karppoora-mint) एवं पंजाबी में विलायती पुदीना (Vilayati pudina)
पुदीना के तेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व –
पुदीना के तेल में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जरुरी खनिज, विटामिन A, विटामिन C, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक गुण, एनेस्थेटिक गुण, इंसेक्टिसाइड गुण, पेस्टिसाइड आदि जैसे गुण पाए जाते हैं।
पुदीना के तेल के उपयोग का तरीका –
पुदीना के तेल की मालिश, स्कैल्प पर मसाज, मॉइस्चराइजर में मिलाकर, फेस पैक के रूप में एवं अरोमाथेरेपी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अलावा पुदीना के तेल का कई प्रकार दवाइयां बनाने एवं इन्हेलर्स के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
पुदीना के तेल के फायदे (Benefits of peppermint oil in hindi)
- पुदीना के तेल का उपयोग करने से श्वसन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। पुदीने के तेल की सुगंध को सांस द्वारा लेने से फेफड़ों में ऑक्सीजन लेने की क्षमता में वृद्धि होती है। पुदीना के तेल के इस्तेमाल से श्वसन तंत्र की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है जिससे सांस संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है।
- पुदीना के तेल के इस्तेमाल से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। पुदीना के तेल में डायरिया, गैस, ऐंठन एवं एसिडिटी की समस्या से राहत पहुंचाने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा पुदीना के तेल का उपयोग करने से मल त्याग के क्रिया बेहतर होती है जिससे पाचन संबंधी समस्याओं छुटकारा मिलता है।
- पुदीना के तेल का उपयोग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है। पुदीना के तेल में एंटी-वायरल, एंटी-फंगल एवं जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं जिससे सर्दी-जुकाम, बुखार, एवं कई प्रकार के मौसमी संक्रमण के लक्षणों को घटाया जा सकता है। पुदीना के तेल के इस्तेमाल से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है जिससे स्वस्थ रहने में आसानी होती है।
- पुदीना के तेल के इस्तेमाल से अवसाद एवं तनाव की समस्या छुटकारा मिलता है। पुदीने के तेल से सिर पर मालिश करने से मानसिक थकावट दूर होती है। पुदीना के तेल के उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है जिससे तनाव जैसी स्थिति से राहत मिलती है।
- पुदीना के तेल का सेवन करने से मतली (जी मिचलाने) की समस्या से छुटकारा मिलता है। पुदीना के तेल के इस्तेमाल से मतली के प्रभाव को घटाया जा सकता है। मतली की समस्या से परेशान लोगों को पुदीना के तेल की मालिश से बहुत फायदा मिल सकता है।
- पुदीना के तेल के उपयोग से शरीर के रक्त परिसंचरण (blood circulation) में वृद्धि होती है। इस तेल के इस्तेमाल से शरीर के सभी जरूरी अंगों में बेहतर रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा कम होता है।
- पुदीना के तेल के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। पुदीना के तेल में विटामिन C की मात्रा पायी जाती है जिससे त्वचा में निखार आता है। पुदीना के तेल का इस्तेमाल करने से सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभावों को कम करने में आसानी होती है। इसके अलावा पुदीना के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की पिगमेंटेशन को खत्म करने में बेहद असरदार माना जाता है।
- पुदीना के तेल के उपयोग से बालों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। पुदीना के तेल में मौजूद विटामिन C, जिंक एवं आयरन बालों की जड़ों को मजबूत रखने का कार्य करता है। पुदीना का तेल स्कैल्प में आसानी से समाकर रक्त संचार को बेहतर करता है जिससे बालों का विकास होता है। पुदीना के तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बालों की जड़ें भी मजबूत होती हैं जिससे बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
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पुदीना के तेल के नुकसान (Losses of peppermint oil in hindi)
- पुदीना के तेल का अधिक सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं जैसे पेट दर्द, गैस, दस्त एवं उलटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- पुदीना के तेल के अत्यधिक इस्तेमाल से मतली, चक्कर आना, सिरदर्द, अवसाद, शरीर में कंपन, बेहोशी एवं सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- पुदीना के तेल का अधिक इस्तेमाल करने से एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को पुदीना के तेल का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर का परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।
- पुदीना के तेल को आंखों के आस-पास वाले इलाकों में सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए। आंखों में इस तेल के उपयोग से अत्यधिक जलन की समस्या से गुजरना पड़ सकता है।
- पुदीना के तेल का इस्तेमाल 5 वर्ष से कम की आयु वाले बच्चों को नहीं करना चाहिए। इस तेल में मौजूद शक्तिशाली प्रभाव के कारण बच्चों का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है।
पढ़ें पुदीना के फायदे और नुकसान – Peppermint Benefits।