सरसों के बीज राई के फायदे और नुकसान ( Rai ke fayde or nuksan ) : सरसों की ही तरह सरसों के बीज राई फायदे और नुकसान भी कई होते हैं। लगभग सभी घरों में राई का उपयोग किया जाता है। राई की पत्तों की स्वादिष्ट सब्जी बनाई जाती है साथ ही राई के बीजों का उपयोग कई खाद्य पदार्थों को बनाने से लेकर तेल बनाने के लिए भी किया जाता है।
सरसों की तासीर गर्म होती और सरसों को अंग्रेजी में मस्टर्ड (mustard) कहा जाता है। सरसों की उपज के लिए दोमट मिट्टी अच्छी होती है। सामान्य रूप से सरसों को दिसम्बर माह में बोया जाता है और इसे मार्च-अप्रैल में कटा जाता है। भारत में सरसों की खेती मुख्य रूप से पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तराखंड में की जाती है।
इसके अलावा बात करें सरसों के फायदे और नुकसान की तो, आयुर्वेद के अनुसार, सरसों का उचित मात्रा में सेवन कई शारीरिक समस्याओं को दूर कर, शरीर को स्वस्थ रखने सहायक होता है। लेकिन सरसों का अधिक मात्रा में सेवन, कई शारीरिक समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए सरसों का उपयोग करने से पहले, हमारे इस आर्टिकल से विस्तार में जाने सरसों के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में।
सरसों (राई) के अन्य भाषाओं में नाम –
सरसों को हिंदी में राई, लाल राई और काली राई, संस्कृत में आसुरी, तीक्ष्णगंधा व राजिका, गुजराती में सरसवा, तमिल में कडुगु, बंगाली में सरीसा व सरिषा और मराठी में मोहरी व रायन कहा जाता है।
सरसों (राई) में पाए जाने वाले पोषक तत्व
प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सोडियम, पोटेशियम, जिंक और मैंगनीज के साथ विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई भी पाया जाता है। इसके अलावा राई में कैरोटीनॉयड, फेनोलिक कंपाउंड्स और ग्लूकोसिनोलेट्स जैसे कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं।
सरसों (राई) के सेवन का तरीका
सरसों का उपयोग दाल, सब्जी और रायते में छौंका लगाकर सेवन किया जा सकता है। साथ ही सरसों के तेल का उपयोग, खाने को बनाने से लेकर पकौड़ी व पापड़ जैसे कई चीजों को तलने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा सरसों के तेल का उपयोग त्वचा और बालों में लगाने के लिए भी किया जा सकता है।
राई के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Black Mustard Seed in hindi)
सरसों के बीज राई के फायदे (Benefits of Black Mustard Seed in hindi)
- मधुमेह रोगियों के लिए भी सरसों का सेवन लाभदायक होता है। क्योंकि सरसों में एंटीडायबिटिक (मधुमेह के प्रभाव को कम) करने वाले गुण पाए जाते है, जो रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर, मधुमेह को सामान्य रखने में मदद करते है। इसलिए कहा जा सकता है कि मधुमेह रोगियों के राई का सेवन लाभदायक हो सकता है।
- पाचन स्वास्थ्य के लिए भी सरसों का सेवन लाभदायक होता है। सरसों में मौजूद फाइबर, पाचन स्वास्थ्य के लिए प्रमुख घटक के रूप में कार्य करता है, जो पाचन में सुधार कर, पाचन तंत्र को मजबूत बनाये रखने में सहायक होता है साथ ही यह कब्ज जैसी अन्य पेट की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए भी राई का सेवन लाभदायक होता है। राई के बीजों में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते है, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकने में मदद करते है और कैंसर से बचाव करने में सहायक होते है। इसलिए कैंसर से बचाव के लिए राई के बीज का सेवन लाभदायक हो सकता है।
- वजन को कम करने के राई का सेवन फायदेमंद हो सकता है। कई विशेषज्ञों के अनुसार, राई के तेल में डायसेलिग्लिसरॉल की भरपूर मात्रा पायी जाती है। जो वजन को कम करने में सहायक होती है। इसके अलावा सरसों के बीज में मौजूद फाइबर, पाचन में सुधार कर, खाने को अच्छे से पचाने का कार्य करता और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जो वजन कम करने में सहायक हो सकता है।
- माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए भी राई का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि राई में राइबोफ्लेविन नामक विटामिन पाया जाता है, जो माइग्रेन में होने वाले असहनीय दर्द को कम करने में सहायक होता है। इसलिए कहा जा सकता है कि माइग्रेन की समस्या दूर करने के लिए सरसों का सेवन लाभदायक हो सकता है।
- रक्तचाप को कम करने के लिए, सरसों का सेवन लाभदायक होता है। सरसों में बीज में एंटी हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप को कम) करने का प्रभाव पाया जाता है, जो उच्च रक्तचाप कम कर, उसे सामान्य रखने में मदद करता है। इसलिए उच्च रक्त वाले लोगों के लिए राई का सेवन लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा सरसों उच्च कोलेस्ट्रॉल को भी सामान्य रखने में मदद करता है।
- त्वचा एजिंग की समस्या को दूर करने के लिए भी सरसों फायदेमंद होती है। सरसों में मौजूद विटामिन-सी में एस्कॉर्बिक एसिड होता है, जिसका उपयोग कई प्रकार के त्वचा सौंदर्य उत्पादों को बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है साथ ही सरसों में विटामिन-ई भी पाया जाता है, जो त्वचा को सुन्दर बनाये रखने में सहायक होता है। इसलिए कहा जा सकता है कि त्वचा को स्वस्थ और सुन्दर बनाये रखने के लिए सरसों फायदेमंद होती है।
- आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी सरसों का सेवन लाभदायक होता है। क्योंकि सरसों में विटामिन-ए की मात्रा पायी जाती है। विटामिन-ए आंखों के स्वास्थ्य के लिए प्रमुख घटक के रूप में कार्य करता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने से लेकर आंखों की अन्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- रजोनिवृत्ति (महिलाओं में मासिक धर्म का बंद होना) ऐसी स्थिति में महिलाओं को काफी परेशानियां होती है उन परेशानियों को दूर करने के लिए, सरसों का सेवन लाभदायक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सरसों में मौजूद कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और सेलेनियम, यह सभी पोषक तत्व रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को होने वाली परेशानियों को कम करने में सहायक होते है।
- बालों के लिए सरसों के तेल का उपयोग फायदेमंद होता है। प्राचीन समय से ही बालों के लिए सरसों के तेल का उपयोग होता आ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, सरसों के तेल में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है, जो बालों के विकास के साथ बालों को झड़ने से रोकने और उनको मजबूत बनाये रखने में सहायक होते है।
सरसों के बीज राई के नुकसान (Losses of Black Mustard Seed in hindi)
- यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की दवा का सेवन करता है, तो वह व्यक्ति सरसों और सरसों के तेल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- किसी भी खाद्य पदार्थों को तलने के लिए किये गए तेल का उपयोग, दोबारा इस्तेमाल में न लाए, यह कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए सरसों के तेल को भी दोबारा उपयोग करने से बचें।
- कुछ लोगों को सरसों से एलर्जी भी हो सकती है, ऐसे वे लोगों सरसों और सरसों के तेल के सेवन से बचें ।
- राई का अधिक मात्रा में सेवन, दस्त और उल्टी का कारण बन सकता है।
- राई के अत्यधिक सेवन से, बार-बार प्यास लगने की समस्या हो सकती है।
जानें सरसों तेल के फायदे और नुकसान – Mustard Oil Benefits।