सौंठ के फायदे और नुकसान ( Saunth ke fayde aur nuksan ) : सौंठ खाने के फायदे और नुकसान कई होते हैं, सौंठ को सूखे हुए अदरक को पीसकर बनाया जाता है जिसका उपयोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने और एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है क्योंकि सौंठ (ginger powder) एक मसाला है जो अदरक से बनाया जाता है इसीलिए अदरक की भांति ही सौंठ की तासीर भी गर्म होती है।
सौंठ के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Sonth in hindi)
सौंठ एक आयुर्वेदिक औषधि है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। सौंठ में ऐसे बहुत से पोषक तत्व पाए जो विभिन्न रोगों से लड़ने में सहायक होते है।
सौंठ की खेती
सौंठ अदरक से निर्मित होता है और अदरक की खेती अधिकांशतः गर्म क्षेत्रों में ही की जाती है। सौंठ की खेती विश्वभर में व्यापक रूप से की जाती है जो भारत, नाइजीरिया, कैरेबियन देशों और चीन में की जाती है।
सौंठ में पाए जाने वाले पोषक तत्व
सौंठ में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सोडियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम, सेलेनियम, विटामिन सी, थायमिन, विटामिन बी-6, विटामिन बी-12, विटामिन के और लिपिक एसिड आदि।
सौंठ बनाने का घरेलु तरीका
सौंठ बनाने के लिए ताजा अदरक लें और इसे अच्छी तरह से छीलकर इसके टुकड़े बना लें। उसके बाद इन टुकड़ों को धूप या ओवन पर 2 घंटे के लिए 150F पर अच्छी तरह से सूखा लें। जब अदरक पूरी तरह सूख जाए तो इसे एक मिक्सर की सहायता से बारीक़ पीस लें। बारीक़ पीसने के बाद सौंठ पाउडर के रूप में अच्छी तरह से तैयार हो जाता है। अब इस पाउडर (सौंठ) को एक एयरटाईट डब्बे में रख लें और आवश्यकता पड़ने पर इसका इस्तेमाल करें। Benefits and side effects of Saunth in hindi.
सौंठ के फायदे (Benefits of Saunth in hindi)
सौंठ (sooth) का सेवन कैंसर जैसे घातक रोगों से लड़ने के लिए किया जाता है। अदरक में एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं जो कई तरह के कैंसर जैसे – कोलन कैंसर व प्रोस्टेट कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।
इसके अलावा सौंठ माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है। एक शोध के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि सौंठ माइग्रेन में दी जाने वाली दवाओं के बराबर प्रभावशाली होती है इसलिए अधिकांश माइग्रेन के रोगियों को सौंठ का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
सौंठ का सेवन पेट की जलन को कम करने के लिए भी किया जाता है। सौंठ की थोड़ी सी मात्रा का सेवन करने से यह पेट में होने वाली जलन को दूर करता है। सौंठ पेट में होने वाली जलन को ही नहीं बल्कि पेट से संबंधित सभी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है।
सौंठ में फाइबर होता है जो पाचन संबंधी समस्याओं जैसे – पेट फूलना, अपच, दस्त, कब्ज, गैस, गैस्ट्रिक अल्सर, उल्टी और मतली जैसी समस्याओं को ठीक करने में सहायक होता है।
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सौंठ का सेवन जुकाम के लिए भी फायदेमंद होता है, जुकाम से छुटकारा पाने के लिए सौंठ को चाय व अन्य पेय पदार्थों में किया जाता है। इसके अलावा भोजन में भी सौंठ का इस्तेमाल करने से यह जुकाम को दूर करने में मदद करता है।
सौंठ का उपयोग छाती में होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। सौंठ का नियमित रूप से सेवन करने पर यह मांसपेशियों में दर्द एवं जकड़न को दूर करके छाती के दर्द को कम करता है। सौंठ में जिंजरोल नामक तत्व मौजूद होता है जो रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करके छाती में होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा सौंठ का नियमित रूप से सेवन करने से यह सिरदर्द को कम करने में भी मदद करता है।
सौंठ इम्युनिटी बढ़ाने में भी बेहद फायदेमंद होता है, सौंठ में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत और इम्यून सिस्टम की वजह से होने वाली कमजोरी व समस्याओं से लड़ने में मदद करता है। सौंठ रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने और कई रोगों से लड़ने में मदद करता है।
सौंठ का सेवन वजन को कम करने में भी किया जाता है, गुनगुने पानी के साथ सौंठ का सेवन करने से यह वजन को कम करता है क्योंकि सौंठ में थर्मोजेनिक गुण पाए जाते हैं जो फैट बर्नर की तरह कार्य करता है और शरीर में मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करता है।
सौंठ का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद माना जाता है। गर्भावस्था में सौंठ का सेवन उचित मात्रा में करने से यह उल्टी और मतली की समस्या को कम करता है परन्तु गर्भावस्था में सौंठ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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सौंठ का महिलाओं में होने वाले यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) को ठीक करने में भी सहायक होता है। सौंठ में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जिसके सेवन से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
सौंठ मधुमेह की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जाता है, सौंठ के नियमित सेवन से यह रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करता है। सौंठ में एंटी-डायबिटिक, हाइपोलिपिडेमिक व एंटी-ऑक्सीडेटिव जैसे तत्व पाए जाते है जो मधुमेह की समस्या को कम करने में मदद करते है।
सौंठ गठिया से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। सौंठ का सेवन करने से यह गठिया में होने वाले दर्द व सूजन जैसी समस्याओं को कम करता है। सौंठ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो शरीर के किसी भी भाग में सूजन को तुरंत कम करने में मदद करता है।
सौंठ का सेवन मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होता है, सौंठ में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते है जो संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली व याददाश्त को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा सौंठ का इस्तेमाल दांत दर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है दांत दर्द होने पर सौंठ का उचित में मात्रा में सेवन करें या दांत में सौंठ को रुई में लेकर रखें इससे दांत दर्द में राहत मिलेगी। सौंठ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो दांत दर्द को तुरंत ठीक करने में प्रभावशाली होती है।
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सौंठ के नुकसान (Losses of Saunth in hindi)
- सौंठ का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से यह पाचन संबंधी समस्याओं को उत्पन्न कर देता है जिसमें डायरिया प्रमुख है। इसके अलावा सौंठ का अधिक सेवन करने से गले एवं मुँह में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- सौंठ का अधिक सेवन करने से यह महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव होने की समस्या को उत्पन्न कर देता है जिससे महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- सौंठ मधुमेह की समस्या होने पर रक्त में शर्करा की मात्रा को कम कर देता है इससे रक्त में शर्करा की मात्रा बहुत कम हो जाती है और हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है।
- सौंठ का उचित मात्रा में सेवन न करने से नाराजगी एवं अम्लता जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा यदि किसी रोग का इलाज चल रहा है तो सौंठ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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