Shankh Bhasma uses in hindi (शंख भस्म) : Shankh Bhasma uses in hindi में Shankh bhasma से संबंधित सभी जानकारियाँ शामिल है। Shankh bhasma एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग बिना डॉक्टर के पर्चे के किया जा सकता है। Shankh bhasma बहुत से प्राकृतिक घटकों से निर्मित है जिसका उपयोग मुख्यतः पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है।
Shankh bhasma की खुराक व्यक्ति की आयु, लिंग और स्वास्थ्य के अनुसार दी जाती है। Shankh bhasma की निर्धारित खुराक का उपयोग करना आवश्यक होता है। Shankh bhasma के उपयोग, फायदे और नुकसान की जानकारी नीचे दी गयी है –
शंख भस्म के घटक
शंख भस्म के घटक है –
- शंख
- नींबू
- एलोवेरा
शंख भस्म सेवन विधि | Shankh bhasma uses in hindi
शंख भस्म के अच्छे परिणामों के लिए शंख भस्म की उचित खुराक का इस्तेमाल करना जरूरी होता है। शंख भस्म शिशु (1 महीने से 2 वर्ष), वयस्क और बुजुर्गों के लिए है। शंख भस्म की खुराक दिन में कभी भी दो बार ली जानी चाहिए। शंख भस्म पाउडर के रूप में होती है जिसका सेवन गुनगुने पानी के साथ किया जाना चाहिए। शंख भस्म की खुराक शिशुओं को 30mg, वयस्कों को 250mg और बुजुर्गों को 500mg लेनी चाहिए। शंख भस्म की खुराक की अवधि व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार तय की जाती है। shankh bhasma ke fayde aur nuksan.
शंख भस्म के फायदे और नुकसान | Shankh bhasma benefits and side effects in hindi
शंख भस्म के फायदे ( Shankh bhasma benefits in hindi )
पाचन तंत्र
शंख भस्म के फायदे पाचन तंत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए है। पाचन तंत्र में शरीर के अंदरूनी भाग शामिल है जिसमें किसी भी प्रकार के रोग उत्पन्न होने पर शंख भस्म को उपयोगी माना जाता है। शंख भस्म के नियमित इस्तेमाल से पाचन तंत्र से जुड़े रोग ठीक हो जाते है और पाचन तंत्र स्वस्थ्य रहता है।
उदरशूल
उदरशूल के इलाज के लिए शंख भस्म लाभकारी है। उदरशूल को कोलिक भी कहा जाता है जो बच्चों में होने वाला एक अल्पकालिक रोग है। बच्चे का लगातार रोना और चिड़चिड़ापन उदरशूल के प्रमुख लक्षण है। शंख भस्म का इस्तेमाल से बच्चों में उदरशूल की समस्या को दूर किया जा सकता है। उदरशूल होने पर बच्चों को शंख भस्म की निर्धारित खुराक दें इससे लाभ होगा।
पेट में सूजन
पेट में सूजन की समस्या को खत्म करने के लिए शंख भस्म उपयोगी है। पेट में सूजन को गैस्ट्राइटिस भी कहा जाता है, पेट में दर्द, चुभन, डकारें, उल्टी और मतली आना पेट में सूजन के प्रमुख लक्षण है। शंख भस्म को पेट की सूजन को खत्म करने के लिए हितकारी माना जाता है। पेट में सूजन होने पर शंख भस्म का सेवन करें इससे इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
पेट की गैस
शंख भस्म का इस्तेमाल पेट की गैस को ठीक करने के लिए किया जाता है। पेट में गैस होना एक सामान्य परेशानी मानी जाती है जो ठंड, अधिक तला-भुना खाने से होता है। पेट की गैस को खत्म करने के लिए शंख भस्म का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। शंख भस्म के नियमित सेवन से पेट की गैस में आराम मिलता है।
एसिडिटी
एसिडिटी के रोगियों के लिए शंख भस्म हितकारी है। एसिडिटी को पेट में जलन भी कहा जाता है जिसके प्रभाव से सीने में जलन, मतली, पेट फूलना, घबराहट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। शंख भस्म को एसिडिटी के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एसिडिटी होने पर शंख भस्म का सेवन करें इससे फायदा होगा।
बदहजमी
बदहजमी को दूर करने में शंख भस्म सहायक है। बदहजमी को अपच भी कहा जाता है जिसका कारण अधिक भोजन करना, तैलीय खाद्य पदार्थों और अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करना है। पेट भरा हुआ महसूस करना, बैचेनी, जलन और सूजन अपच के प्रमुख लक्षण है। शंख भस्म में मौजूद तत्व बदहजमी को ठीक करने में काफी कारगर होते है इसीलिए बदहजमी होने पर शंख भस्म का सेवन करें।
भूख न लगना
शंख भस्म के फायदे भूख न लगना की परेशानी को खत्म करने के लिए है। भूख न लगना यानि खाना खाने की इच्छा न होना है। कब्ज, पेट के वायरस और भोजन संबंधी रोग भूख न लगने के प्रमुख कारण है। शंख भस्म को भूख बढ़ाने में बेहद असरदार है। शंख भस्म की निर्धारित खुराक के इस्तेमाल से भूख न लगने की परेशानी को दूर किया जा सकता है।
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शंख भस्म के नुकसान (Shankh bhasma side effects in hindi)
शंख भस्म के फायदे जानने के अलावा शंख भस्म के नुकसान (Shankh bhasma side effects in hindi) भी अवश्य जान लें। यद्यपि शंख भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है जिसके अधिक नुकसान नहीं होते है लेकिन शंख भस्म के गलत इस्तेमाल या आवश्यकता से अधिक सेवन करने से यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में शंख भस्म के कुछ दुष्प्रभाव देखे जा सकते है इसीलिए उपयोग करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। किसी रोग या एलर्जी के इलाज के दौरान शंख भस्म का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।