शुक्रमातृका वटी के फायदे और नुकसान ( shukramatrika vati ke fayde or nuksan ) : शुक्रमातृका वटी के फायदे और नुकसान कई होते हैं, शुक्रमातृका वटी बिना डॉक्टर के पर्चे से मिलने वाली एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग मुख्यतः शुगर के रोगियों और वात, पित्त, कफ व द्वन्द आदि के रोगों को खत्म करने के लिए किया जाता है।
शुक्रमातृका वटी के फायदे और नुकसान ( Advantages and disadvantages of Shukmatrika Vati in hindi )
शुक्रमातृका वटी का उपयोग करने की सलाह व्यक्ति की आयु, लिंग और स्थिति देखकर दी जाती है। शुक्रमातृका वटी कई आयुर्वेदिक घटकों से निर्मित है जिसके कई शारीरिक लाभ होते है। शुक्रमातृका वटी के फायदे की सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गयी है –
शुक्रमातृका वटी के घटक
- गोखरू
- गुग्गुल
- अभ्रक भस्म
- लौह भस्म
- हरीतकी
- बिभीतक
- आमलकी
- एला
- रसांजन
- धान्यक
- चव्य
- जीरक
- तालीस पत्र
- टंकण
- दाडिम
- शुद्ध गुग्गुलु
- रस
- गंधक
- अभ्रक
शुक्रमातृका वटी सेवन का तरीका
शुक्रमातृका वटी वयस्कों के लिए होती है, शुक्रमातृका वटी की प्रतिदिन 1-1 टैबलेट का सेवन दिन में दो बार करना चाहिए। इसे खाना खाने के बाद लिया जाता है, शुक्रमातृका वटी का नियमित रूप से और निर्धारित खुराक का सेवन करना जरूरी होता है।
शुक्रमातृका वटी के फायदे ( shukramatrika vati benefit in hindi )
- शुक्रमातृका वटी शुगर के रोगियों के लिए लाभकारी होती है, शुगर रोग एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर के रक्त में मौजूद शुगर या ग्लूकोज का स्तर घट या बढ़ जाता है जिसकी वजह से बार-बार पेशाब आना, तेज भूख या प्यास लगना, वजन बढ़ना व घटना आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। शुगर में होने वाली इन सभी समस्यायों को दूर करने के लिए शुक्रमातृका वटी का सेवन करना फायदेमंद होता है इसीलिए नियमित रूप से शुक्रमातृका वटी का सेवन करें।
- शुक्रमातृका वटी यूरिन इंफेक्शन के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है, यूरीन इंफेक्शन को मूत्र पथ संक्रमण या यूटीआई कहा जाता है जो अधिकांशतः बैक्टीरिया के कारण उत्पन्न होता है। इस रोग के अंतर्गत गुर्दे, मूत्रवाहिका, मूत्राशय और मूत्रमार्ग प्रभावित होते है। यूरीन इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से शुक्रमातृका वटी का सेवन करना काफी लाभदायक माना जाता है क्योंकि शुक्रमातृका वटी में बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करने के गुण मौजूद होते है।
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए शुक्रमातृका वटी का सेवन किया जा सकता है, जो लोग बहुत जल्द संक्रमण और बैक्टीरिया से प्रभावित हो जाते है उन्हें शुक्रामतृका वटी का सेवन करना चाहिए। शुक्रमातृका वटी ऐसे घटकों से निर्मित है जो बार-बार बुखार, सर्दी, जुकाम खांसी और कई रोगों से सुरक्षित रखने मददगार होती है।
- शुक्रमातृका वटी के फायदे स्वप्न दोष और शीघ्रपतन के रोगियों के लिए हितकारी होती है, जो लोग इन परेशानियों से पीड़ित है उनको नियमित रूप से शुक्रमातृका वटी का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा नपुंसकता की परेशानी को दूर करने में भी शुक्रमातृका वटी का सेवन करना लाभकारी माना जाता है।
- शुक्रमातृका वटी का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, मानसिक रोग जैसे तनाव, अवसाद आदि से सुरक्षित रहने के लिए शुक्रमातृका वटी का सेवन करना चाहिए। यह व्यक्ति के मस्तिष्क को स्वस्थ और मस्तिष्क संबंधी रोगों से सुरक्षित रखने में मददगार होती है।
जानें यौवनामृत वटी के फायदे – Benefits of Yauvanamrit vati।
शुक्रमातृका वटी के नुकसान ( Side effects of Shukramatrika vati in hindi )
शुक्रमातृका वटी एक प्रकार की आयुर्वेदिक दवा है जिसके सेवन से लगभग कोई नुकसान नहीं होते है परन्तु फिर भी इस दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। शुक्रमातृका वटी का अधिक सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है इसलिए इसका अधिक सेवन करने से बचें।