सूजी के फायदे और नुकसान ( suji ke fayde aur nuksan ) : सूजी के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं। सूजी को अंग्रेजी में (Semolina) कहते हैं। गेहूं के ऊपरी छिलके को निकालने के बाद गेहूं के बचे वाले भाग को दरदरा पीसकर सूजी को तैयार किया जाता है। सूजी को दुरूम गेहूं के द्वारा बनाया जाता है जिसके कारण इसका रंग हल्का पीला होता है।
सूजी के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of semolina in hindi)
सूजी की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण इसे दिन के समय में खाना अधिक फायदेमंद होता है। सूजी का सेवन करने से ढेरों स्वास्थ्य संबंधी फायदे होते हैं। सूजी में कई प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जिससे शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत मदद मिलती है।
अन्य भाषाओं में सूजी के नाम-
सूजी को संस्कृत में सूचि (Soochi) एवं व्यधनी (Vyadhani), गुजराती में रवो (Ravo), मराठी में सोजी (Souji), मलयालम में सुक्काह (Sukkah) एवं पंजाबी में सुइ (sooyi) के नाम से जाना जाता है।
सूजी में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
सूजी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, एनर्जी, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, सोडियम, जिंक, पोटैशियम, विटामिन C, थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6, फोलेट, विटामिन A, विटामिन D आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
सूजी का उपयोग-
सूजी का पिज़्ज़ा बनाने, ब्रेड बनाने, पास्ता बनाने, हलवा बनाने, उपमा बनाने, इडली बनाने, बर्फी बनाने, लड्डू बनाने एवं गुझिया बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
सूजी के फायदे (Benefits of Semolina in hindi)
- सूजी का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचा जा सकता है। सूजी में मैग्नीशियम, जिंक एवं विटामिन B6 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनकी सहायता से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है। सूजी में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutrients) की तरह कार्य करते हैं जिससे इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है।
- सूजी का सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी का खतरों से बचाव किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, सूजी में पाए जाने वाले डाइटरी फाइबर की मदद से रक्त में शुगर की मात्रा को घटाया जा सकता है जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है। सूजी का नियमित रूप से सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
- सूजी का नियमित रूप से सेवन करने से मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलता है। सूजी एक फाइबर युक्त आहार है जिसके उपयोग से पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद मिलती है। फाइबर युक्त भोजन की मदद से बार-बार भूख लगने का अनुभव नहीं होता जिसके कारण शरीर का वजन कम करने में आसानी होती है। मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को सूजी का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
- सूजी का इस्तेमाल करने से एनीमिया जैसी समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। शरीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा न होने से खून की कमी हो सकती है जिसके कारण एनीमिया जैसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। सूजी में आयरन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है जिससे शरीर में रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है। इसके अलावा सूजी का इस्तेमाल करने से लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी वृद्धि होती है जिससे एनीमिया के खतरे से बचा जा सकता है।
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- सूजी का सेवन करने से कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे से बचा जा सकता है। सूजी में सेलेनियम (Selenium) नामक तत्व पाया जाता है जिससे शरीर को हानिकारक पदार्थों के जहरीले प्रभाव से बचाया जा सकता है। सूजी का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोका जा सकता है जिससे कैंसर का खतरा कम होता है।
- सूजी के उपयोग से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। दरअसल, सूजी के इस्तेमाल से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है जिससे हृदय संबंधी बीमारी का खतरा कम होता है। सूजी में नियासिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करके एचडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में वृद्धि करता है जिससे हृदय की सेहत पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- सूजी का नियमित रूप से सेवन करने से कमजोरी एवं चक्कर आने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सूजी के इस्तेमाल से ऊर्जा मिलती है जिससे शरीर को फिट रखने में बहुत मदद मिलती है। शरीर की ऊर्जा पूर्ति के लिए सूजी को एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
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सूजी के नुकसान (Losses of Semolina in hindi)
- किडनी संबंधी रोगियों को सूजी का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। सूजी में फास्फोरस की अधिक मात्रा पाई जाती है जिसके कारण किडनी संबंधी विकारों में वृद्धि हो सकती है।
- सूजी का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सूजी में फोलेट एवं फाइबर की मात्रा पाई जाती है जिसकी अधिक मात्रा से पेट में सूजन, दर्द, पेट फूलना, पेट में ऐंठन एवं डायरिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- सूजी का सेवन करने से पूर्व इसे अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए अन्यथा इसमें मौजूद छोटे-छोटे कंकड़ दांतों में फंस सकते हैं जो पेट में जाकर नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
- गेहूं से एलर्जी की समस्या वाले लोगों को सूजी से बनाए गए व्यंजनों का उपभोग नहीं करना चाहिए इससे उनकी एलर्जी की समस्या में वृद्धि भी हो सकती है।
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