सूरज की रोशनी के फायदे और नुकसान ( suraj ki roshni ke fayde or nuksan ) : धुप या सूरज की रोशनी के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं। सूरज से मिलने वाला तेज ऊर्जा युक्त प्रकाश को सूरज की रोशनी या सनलाइट (Sunlight) कहा जाता है। सूरज की रोशनी का स्थिति, मौसम और भिन्न-भिन्न व्यक्तियों स्वास्थ्य के अनुसार अलग-अलग फायदे और नुकसान होते है अर्थात सूरज की रोशनी हमारे लिए फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों हो सकती है। Advantages and disadvantages of sunlight in hindi.
सूरज की रोशनी के फायदे (Benefits of sunlight in hindi)
- सूर्य की रोशनी से मिलने वाली ऊष्मा ठंडे शरीर को गर्मी प्रदान करने में सहायक होती है जिससे शरीर में ठण्ड से होने वाले रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
- सूरज की रोशनी में ‘विटामिन डी’ पाया जाता है जो हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए एक आवश्यक स्रोत के रूप में कार्य करता है। सूरज की रोशनी में हफ्ते में कम से कम तीन या चार बार सुबह या शाम हल्की धूप में बैठने से आपको भरपूर मात्रा में विटामिन डी प्राप्त हो सकता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियों से संबंधित रोग जैसे- बच्चों को रिकेट्स और वयस्कों को अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस व ऑस्टियोमलेशिया सभी रोगों को कम किया जा सकता है इसके अलावा सूर्य से प्राप्त विटामिन डी शरीर में हड्डियों के लिए आवश्यक कैल्शियम को अवशोषित करने में भी सहायक होता है।
- सूरज की रोशनी से शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ती है जिससे हमारी कार्यक्षता में वृद्धि होती है। दिन में धूप में बैठने से वृद्ध व्यक्तियों में वात दोष से संबंधित समस्याओं को भी ख़त्म किया जा सकता है।
- सूरज की रोशनी आँखों के लिए भी लाभदायक होती है क्योंकि यह आँखों की सूजन और विसुअल फंक्शन को सुधरता है जिससे आँखों की उम्र बढ़ती है। इसके अलावा त्वचा से संबंधित कईं रोग जैसे- सोरायसिस, एक्ज़िमा, पीलिया, मुहांसे के इलाज के लिए सूर्य की यूवी किरणों को लेने की सलाह दी जाती है जिससे इन रोगों को कम किया जा सकता है।
- सूरज की रोशनी से प्राप्त विटामिन डी से डिप्रेशन या अवसाद जैसे मानसिक विकारों को भी दूर किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार 29 व्यक्ति जो अवसाद की समस्या से पीड़ित थे उन्हें सुबह एक घंटे सूरज की रोशनी में बैठकर व्यायाम कराने से उनकी अवसाद की समस्या आधी से ज्यादा सही हो गयी अर्थात अवसाद की समस्या को सूरज की रोशनी से कम किया जा सकता है।
- विटामिन डी की कमी से कईं गंभीर रोग जैसे- कोलोरेक्टल कैंसर (आँतों का कैंसर, पेट का कैंसर या रेक्टल कैंसर) होने की संभावनाएं होती है अतः विटामिन डी में पाया जाने वाला एंटी कैंसर गुण इन सभी रोगों से लड़ने के लिए सहायक होता है जो सूरज की रोशनी से प्राप्त होता है।
- जिन लोगों को गठिया (हड्डियों का रोग) की समस्या है उनके लिए भी सूरज की रोशनी अच्छी मानी जाती है क्योंकि गठिया विटामिन डी की कमी के कारण होता है और सूरज की रोशनी से भरपूर विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है।
सूरज की रोशनी के नुकसान (Losses of sunlight in hindi)
- ज्यादा देर तक धूप में बैठने या कार्य करने से त्वचा से संबंधी रोग के होने की संभावनाएं अधिक होती है और लम्बे समय तक धूप में रहने से पिग्मेंटेशन, स्किन कैंसर, दाग धब्बों, एजिंग इफेक्ट, कालापन, डिहाइड्रोजन व आँखों से संबंधित समस्याएं भी हो सकती है।
- शरीर में पाया जाने वाला मैलेनिन, हीमीग्लोबिन और केरोटीन आदि जो त्वचा के रंग को कईं तरीकों से प्रभावित करते है अल्ट्रावॉयलेट किरणों के प्रभाव में आकर स्किन टैनिंग (त्वचा का कालापन) की समस्या को उत्पन्न कर देते है।
- ज्यादा समय तक सूरज की रोशनी में बैठने या रहने से सेलुलर इम्युनिटी जो एक इम्यून प्रोसेस है पर बुरा प्रभाव पड़ता है। फोटोऐजिंग जो एक प्रकार का रोग है जिसे धूप के कारण आने वाला बुढ़ापा कहा जाता है जैसे रोग भी हो सकते है।
- सूरज की रोशनी में ज्यादा देर तक रहने से युवी किरणों के प्रभाव से सनबर्न (जिसमे तैलीय त्वचा अधिक तैलीय और रूखी त्वचा अधिक रूखी हो जाती है) की समस्या हो जाती है इसके अलावा अधिक समय तक सूरज की रोशनी में बैठने से त्वचा में झुर्रियों की समस्या भी उत्पन्न होती है।
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