टीवी के घरेलू उपचार ( TB ke gharelu upchar ) : टीवी के घरेलू उपचार कई होते है। टीबी यानि ट्यूबरक्लोसिस को क्षय रोग, तपेदिक व यक्ष्मा भी कहा जाता है। टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। टीबी रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक खांसी, छींक या लार के माध्यम से फैलता है।
टीबी रोग कई प्रकार के होते है तथा यह व्यक्ति में अलग-अलग कारणों से हो सकता है। टीबी के डॉक्टरी इलाज संभव होने के साथ कई घरेलू उपचार भी अपनाए जाते है। टीबी के घरेलू उपचार की पूरी जानकारी नीचे दी गयी है –
टीबी के प्रकार
टीबी के चार प्रकार होते है जो शरीर के भिन्न-भिन्न भागों को प्रभावित करते है। टीबी के प्रकार है –
- लेटेंट टीबी – इस टीबी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया को सक्रिय नहीं होने देती है जिसकी वजह से शरीर में बैक्टीरिया निष्क्रिय रूप में ही रहते है। इस स्थिति में टीबी के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते और न ही टीबी फैलती है परन्तु यह भविष्य में टीबी का कारण बन सकता है।
- एक्टिव टीबी – इस टीबी में बैक्टीरिया शरीर के भीतर विकसित होते है। टीबी के सभी लक्षण दिखायी देते है तथा यह आसानी से फ़ैल जाता है।
- पल्मोनरी टीबी – इस प्रकार का टीबी बीमारी का शुरूआती रूप है जो मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है।
- एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी – इस टीबी में फेफड़ों के अन्य भाग संक्रमित होते है जैसे- हड्डियां, गुर्दे व लिम्फनोड्स आदि।
टीबी के लक्षण
टीबी के लक्षण व्यक्ति की आयु के अनुसार नहीं दिखायी देते यह लगभग सभी आयु वर्गों के व्यक्तियों में सामान्य रूप से एक जैसे दिखायी देते है। बच्चों व वयस्कों में दिखायी देने वाले टीबी के लक्षण निम्नलिखित है –
- लगातार खांसी आना
- अधिक खांसी आने पर मुँह से खून निकलना
- खांसी के साथ बलगम निकलना
- बच्चे में हल्का बुखार और रात को सोते समय पसीना आना
- बच्चों में त्वचा इंफेक्शन होना।
- बच्चे में सुस्ती आना
- बिना वजह थकान लगना
- सांस फूलना
- सांस लेने के दौरान छाती में दर्द होना
- वजन कम होना
- पीठ में अकड़न होना
- दस्त
- बुखार
- भूख न लगना
- मांसपेशियों में दर्द
टीबी के कारण
टीबी के कारण निम्नलिखित है –
- माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण
- टीबी के रोगी के सम्पर्क में आने से
- टीबी से पीड़ित रोगियों के खांसने, छींकने, बोलने, थूकने और दूसरे से बाते करते समय उनके भीतर के बैक्टीरिया दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाते है जिससे वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है।
टीबी रोग में परहेज
- तला भुना न खाएं।
- चाय और कॉफ़ी का सेवन न करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचे।
- ट्रांस फैट पदार्थों का सेवन न करें।
टीबी के घरेलू उपचार ( home remedies for tuberculosis in hindi )
- टीबी के रोगियों के लिए आंवला काफी फायदेमंद होता है, आंवले के बीज का रस निकालकर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। अब इस मिश्रण को सुबह-शाम खाली पेट पिएँ इससे टीबी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- टीबी को दूर करने के लिए हल्दी बेहद सहायक होती है, हल्दी को बारीक कूटकर इसे छान लें अब इसमें आक का दूध मिला लें। खून के उल्टियां होने पर आक के दूध की जगह बड़ या पीपल का दूध मिलाएं। इस मिश्रण की थोड़ा मात्रा लेकर शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
- लहसुन का उपयोग टीबी की रोकथाम के लिए किया जाता है, लहसुन में एलिसिन व एजोइन नामक तत्व पाए जाते है जो टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करके उन्हें बढ़ने से रोकने में मदद करते है। लहसुन की 1 से 2 कलियों को सुबह खाली पेट ताजे पानी के साथ खाएं यह काफी हितकारी माना जाता है।
- सहजन का इस्तेमाल टीबी के रोगियों के लिए लाभकारी होता है, टीबी के रोगियों को रोजाना सहजन की पत्तियों को उबालकर इसका सेवन करना चाहिए या इसकी सब्जी बनाकर खानी चाहिए। सहजन में पाए जाने वाले पोषक तत्व टीबी के संक्रमण को जल्द खत्म करने में मदद करते है जिससे टीबी ठीक होने में सहायता मिलती है।
- टीबी से छुटकारा दिलाने में तुलसी काफी कारगर होती है, तुलसी की पत्तियों के साथ थोड़ा जीरा, हींग मिलाकर इसमें नींबू निचोड़े। इस मिश्रण को दिन में तीन से चार बार पिएँ इससे फायदा होगा। इसके अलावा पुदीना भी टीबी के रोगियों के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। पुदीने के रस में थोड़ा शहद, सिरका और गाजर का जूस मिलाकर पिएं इससे टीबी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- टीबी के घरेलू उपचार में सीताफल का प्रयोग किया जाता है, सीताफल से बने काढ़े का सेवन करना टीबी के रोगियों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है। सीताफल का काढ़ा बनाने के लिए सीताफल का गूदा निकाल लें और इसमें बराबर मात्रा में पानी मिलाकर किशमिश के साथ तब तक उबालें जब तक यह आधा न हो जाए। उबल जाने के बाद इसे छान लें और इसमें चीनी, थोड़ा इलायची पाउडर मिलाएं और ठंडा होने पर दिन में दो बार सेवन करें इससे लाभ होगा।
- टीबी रोग में नारंगी फायदेमंद होता है, रोजाना नारंगी खाने या नारंगी का जूस पीने से टीबी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा पके केला, दही, शहद और नारियल पानी को आवश्यकतानुसार मिला लें। अब इस मिश्रण को दिन में दो से तीन खाएं इससे टीबी रोग दूर होगा।
- टीबी के घरेलू उपचार के लिए मुलेठी का उपयोग किया जा सकता है, मुलेठी के एक टुकड़े को लेकर मुँह में रखे और चूसे। इसके अलावा नागबला चूर्ण में घी और शहद मिलाकर इसका सेवन करने से टीबी के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।