तेजपत्ता के फायदे और नुकसान – Bay Leaves

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तेजपत्ता के फायदे और नुकसान - Bay Leaves

तेजपत्ता के फायदे और नुकसान ( tejpatta ke fayde aur nuksan ) : तेजपत्ता के फायदे और नुकसान कई होते हैं। तेजपत्ता एक प्रकार का गर्म मसाला है जिसका उपयोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने व भोजन को एक अच्छी खुशबू प्रदान करने के लिए किया जाता है। तेजपत्ता का उपयोग ज्यादातर भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। तेजपत्ता का उपयोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। तेजपत्ता के बहुत से फायदे और नुकसान होते हैं जिनका विवरण नीचे दिया गया है।

तेजपत्ता के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Bay leaves in hindi)

तेजपत्ता की खेती

भारत में तेजपत्ता की खेती मुख्यतः उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश में की जाती है। इसके अलावा बिहार, केरल, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल में भी तेजपत्ता की खेती की जाती है। तेजपत्ता की खेती के लिए दोमट और कपासिया मिट्टी का उपयोग किया जाता है।

तेजपत्ता का अन्य भाषाओं में नाम

तेजपत्ता को हिंदी में तेजपत्ता, तमालपत्र, पत्र व बराहमी और अंग्रेजी में बे लीफ (Bay leaf), इंडियन कैसिआ (Indian cassia) व कैसिआ सिनेमॅन कहा जाता है। इसके अलावा तेजपत्ता को संस्कृत में पत्र, गंधजात, तमालपत्र, पत्रक व तेजपत्र, कन्नड़ में पत्रक व लवन्गदापत्ति, गुजराती में तमालपत्र व तज, तमिल में कट्टु-मुंकाइ, बंगाली में तेजपत्र, नेपाली में तेजपात, मराठी में तमालपत्र व दाल चिन्टिटिकी कहा जाता है। Benefits and side effects of Bayleaf in hindi.

तेजपत्ता के फायदे (Benefits of Bayleaf in hindi)

तेजपत्ता का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है, पाचन संबंधी कोई भी समस्या होने पर तेजपत्ता को गर्म पानी में मिलाएं और अच्छी तरह घुल जाने के बाद उस मिश्रण को पी लें। इससे पेट में जलन, कब्ज व गैस की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा अपच होने पर तेजपत्ता व अदरक को पानी में उबाल लें जब तक की पानी आधा न हो जाए, उसके बाद इसमें शहद मिला लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें इससे अपच की समस्या दूर हो जाएगी।

तेजपत्ता के सेवन से मधुमेह की समस्या को भी कम किया जा सकता है। भोजन या किसी अन्य माध्यम से तेजपत्ता का सेवन करने से यह 2 टाइप डायबिटीज को ठीक करने में मदद करता है चूँकि तेजपत्ता रक्त में शक़्कर की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होता है और इसीलिए यह डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा तेजपत्ता से सिरदर्द की समस्या को भी दूर किया जा सकता है, 10 ग्राम तेजपत्ता को पानी में पीसकर सिर में इसका लेप लगाने से सिरदर्द में राहत मिलती है।

तेजपत्ता का सेवन माइग्रेन के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है, रोजाना तेजपत्ता के तेल से कानों के पीछे हल्के हाथ से मालिश करने से माइग्रेन की समस्या में राहत मिलती है। तेजपत्ता में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जिससे माइग्रेन में होने वाले दर्द, खिंचाव व ऐंठन को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा तेजपत्ता से रक्त संचार नियंत्रित होता है और जिसके सेवन से जोड़ो में होने वाले दर्द से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

तेजपत्ता का उपयोग त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है, तेजपत्ता को पानी में उबालकर पानी ठंडा हो जाने के बाद इस पानी से चेहरे को धो सकते हैं या इसका लेप बनाकर चेहरे पर लगा सकते हैं। यह चेहरे के कील-मुहांसो, दाग-धब्बों को साफ़ करने में मदद करने के साथ चेहरे को प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करने में सहायक होता है। इसके अलावा 2 से 3 तेजपत्ता को लेकर पानी में उबालें और इस पानी की भाप लें इससे सर्दी, फ्लू व अन्य संक्रमणों से बचा जा सकता है।

तेजपत्ता का सेवन अधिक नींद आने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। जिन लोगों को बहुत देर तक सोने के बाद भी नींद आती है वे रात को 2-3 तेजपत्ता को पानी में भीगा लें और सुबह उठकर इस पानी को पी लें, इससे बार-बार नींद आने की समस्या को दूर हो जाएगी और शरीर में फुर्ती बनी रहेगी। इसके अलावा तेजपत्ता में कफेन एसिड, केर्सटिन, इयूगिलेन नामक तत्व होते हैं जिससे कैंसर जैसे घातक रोगों से बचा जा सकता है।

तेजपत्ता बालों के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है, तेजपत्ता को पानी में उबालकर ठंडा होने दें उसके बाद इस पानी से बालों को धो लें। ऐसा करने से बालों का अतिरिक्त तेल, रुसी, जुओं व चिपचिपाहट दूर हो जाती हैं और बालों को चमक और प्राकृतिक सुंदरता मिलती है। सिर में बहुत अधिक रूसी है तो इसके लिए तेजपत्ता के पत्तों को पीसकर उसमें दही मिलाकर बालों में अच्छी तरह लगाने के बाद लगभग 2 घंटे पूरे होने दें और इसे धों लें। इससे रुसी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा और बाल स्वस्थ रहेंगे।

तेजपत्ता गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है चूंकि इसमें फोलिक एसिड की उचित मात्रा होती है जो गर्भावस्था से 3 महीने पहले व 3 महीने बाद के समय में बहुत ही फायदेमंद होता है। तेजपत्ता गर्भ में पल रहे शिशु व माँ के विकास करने में सहायक होता है। इसके अलावा तेजपत्ता दातों के पीलेपन को दूर करने में भी मदद करता है। तेजपत्ता को दांतों में रगड़ने से दांतों का पीलापन तुरंत साफ हो सकता है व दांतों को सुदंरता प्राप्त होती है।

तेजपत्ता में कफ को मिटाने का गुण पाया जाता है जो वजन को बढ़ने से रोकता है अतः जो लोग बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हैं वे तेजपत्ता का सेवन कर सकते हैं। तेजपत्ता का सेवन ह्रदय को स्वस्थ्य रखने के लिए भी किया जाता है चूँकि तेजपत्ता कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे ह्रदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा तेजपत्ता शरीर से आने वाली दुर्गन्ध को दूर करने में भी मदद करता है। तेजपत्ता, सुंधबाला, अगरु, हरीतकीचंदन को पीसकर इसके लेप को शरीर में लगाने से शरीर में पसीने से आने वाली दुर्गंध से छुटकारा पाया जा सकता है।

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तेजपत्ता के नुकसान (Losses of Bayleaf in hindi)

तेजपत्ता का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से यह शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। तेजपत्ता का अधिक सेवन करने से उल्टी-दस्त व डायरिया होने का खतरा रहता है। इसके अलावा गर्भावस्था में तेजपत्ता का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

जिन व्यंजनों में तेजपत्ता का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए कुछ लोग इसके फायदे के लिए उन व्यंजनों में भी तेजपत्ता का प्रयोग कर देते हैं इससे तेजपत्ते के सारे गुण समाप्त हो जाते हैं और स्वाद व खुशबू दोनों का अच्छा प्रभाव न होने के कारण यह भोजन बर्बाद कर देता है। किसी विशेष रोग में तेजपत्ता का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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