थायराइड में दालचीनी के फायदे ( thyroid mein dalchini ke fayde ) : थायराइड में दालचीनी के फायदे कई हैं, दालचीनी एक प्रकार का मसाला है, जिसका उपयोग खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। दालचीनी को अंग्रेजी में cinnamon कहा जाता है और दालचीनी की तासीर गर्म होती है। आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी का उपयोग खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि एक औषधि के रूप में भी किया जाता है।
दालचीनी में पाए जाने वाले औषधीय गुण, अच्छी सेहत के साथ कई शारीरिक बीमारियों जैसे कैंसर से बचाव करने, मधुमेह के लक्षणों को कम करने, पाचन समस्याओं को दूर करने, वजन को कम करने और मानसिक तनाव को दूर करने आदि में मदद करते है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं।
इसके अलावा बात करें थायराइड में दालचीनी के फायदे तो, दालचीनी में पाए जाने वाले पोषक तत्व, थायराइड के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं और थायराइड से बचाव करने में सहायक होते हैं। इससे पहले हम आपको थायराइड में मुलेठी के फायदे, थायराइड में अजवाइन के फायदे, थायराइड में हल्दी के फायदे, थायराइड में गिलोय के फायदे बता चुके हैं। आइए विस्तार में जानें इस आर्टिकल से थायराइड में दालचीनी के फायदों के बारे में।
दालचीनी के अन्य भाषाओं में नाम
दालचीनी को हिंदी में दालचीनी, संस्कृत में त्वक्, स्वाद्वी व तनुत्वक्, गुजराती में दालचीनी व तज, तमिल में लवंग पत्तै, बंगाली में दारुचीनी, मराठी में दालचीनी व तेज, पंजाबी में दालचीनी व किरफा और नेपाली में दालचीनी व कुखीतगी कहा जाता है।
दालचीनी में पाए जाने वाले पोषक तत्व
दालचीनी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और मैंगनीज के साथ विटामिन-ए, फोलेट, विटामिन-सी और विटामिन ई जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
दालचीनी के सेवन का तरीका
- दालचीनी का सेवन खाने में मसाले के रूप में किया जा सकता है।
- दालचीनी पाउडर का सेवन दूध के साथ किया जा सकता है।
- दालचीनी पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।
- दालचीनी को हर्बल टी या काढ़ा में डालकर सेवन किया जा सकता है।
थायराइड में दालचीनी के फायदे (benefits of cinnamon in thyroid in hindi)
थायराइड ग्रन्थियों से जुड़ा एक रोग है, यह एक ऐसा रोग है जिसके लिए आपका रहन-सहन और खान पान पूरी तरह जिम्मेदार होता है। थायराइड यानी (अवटु), मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अंतःस्रावी ग्रंथियों में से एक है। जो शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
आयुर्वेद के अनुसार थायराइड रोग गलत खान-पान और तनावपूर्ण जीवन जीने के साथ शरीर में वात, पित्त व कफ दोष बिगड़ जाने के कारण होता है। जिसके कई लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे वजन का तेज़ी से बढ़ना या तेज़ी से घट जाना, थकान होना, अधिक पसीना आना, चिड़चिड़ापन, तनाव व घबराहट होना, बालों का झड़ना, गर्दन में सूजन आना और मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना आदि।
ऐसे में दालचीनी का सेवन थायराइड के लक्षणों को कम कर सकता है और थायराइड रोग से बचाव करने में मदद कर सकता है। क्योंकि दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस जैसे कई गुण पाए जाते हैं। जो थायराइड कैंसर सेल्स को पनपने से रोकते हैं और थायराइड रोग से बचाव करने में मदद करते हैं।
दालचीनी का नियमित सेवन, थायराइड में होने वाली थकान व कमजोरी को दूर करने के साथ थायराइड रोग को जड़ से खत्म करने में मदद कर सकता है।
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थायराइड रोग होने के कारण
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के हार्मोन में बदलाव होते है, जिस कारण गर्भवती महिलाओं को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पढ़ता है। जिसकी वजह से थायराइड रोग होने की भी संभावनाएं रहती है।
- संतुलित आहार में कमी व शरीर में आयोडीन की मात्रा में कमी या अधिकता, थायराइड रोग का कारण बन सकती है।
- अधिक तनावपूर्ण जीवन जीना, थायराइड रोग का कारण बन सकता है।
- अनुवांशिक कारण के चलते भी थायराइड रोग हो सकता है। यदि परिवार के किसी भी सदस्य को थायराइड रोग हुआ है तो यह परिवार के अन्य सदस्य को भी हो सकता है।
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