महिलाओं में पीरियड्स की समस्याएँ और समाधान

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महिलाओं में पीरियड्स की समस्याएँ और समाधान

महिलाओं में पीरियड्स की समस्याएँ और समाधान : पीरियड्स हर स्त्री के जीवन का एक सामान्य विषय है लगभग 15 साल की उम्र आते-आते ही लगभग सभी महिलाओं को पीरियड्स शुरू हो ही जाते हैं और सामान्यतः 28 से 32 दिनों के अंतराल में आते रहते हैं। सामान्यतः इसे मासिक चक्र भी कहा जाता है। पीरियड्स का ये चक्र 48-50 की उम्र तक चलता रहता है और जब पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं उम्र के उस पड़ाव को रजोनिवृत्ति कहा जाता है।

पीरियड्स मतलब प्राकृतिक रुधिर स्राव (ब्लीडिंग) है जो की महीने में 1 बार ही होता है और ज्यादातर महिलाओं में पीरियड्स का समय तीन से पाँच दिन रहता है, परन्तु दो से सात दिन तक की भी यदि पीरियड्स आ रहे हैं तो उसे नॉर्मल माना जाता है।

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाली समस्याएं

अधिकांश महिलाओं को पीरियड्स के दौरान काफी कॉम्प्लिकेशन होते हैं जिससे उनका मानसिक तनाव का स्तर बहुत बढ़ जाता है। यहाँ हम महिलाओं को होने वाले कॉम्प्लिकेशन समझेंगे और उनका समाधान देने का प्रयास करेंगे। ये सारे समाधान अनुभवों पर आधारित भारतीय प्राचीन आयुर्वेद से लिए गए हैं और इन्हें करने के कोई साइड इफेक्ट्स देखने में नहीं आए हैं।

Pain during menses ( पीड़ादायक पीरियड्स ) –

कुछ महिलाओं को काफी पीड़ादायक यानी दर्द देने वाले पीरियड्स आते हैं और इस दौरान उनके निचले पेट में ऐंठनभरी पीड़ा होती है। कभी-कभी तेज तो कभी हल्की पीड़ा आती रहती है और कभी-कभी मन्द चुभने वाला (मामूली-सा) दर्द हो सकता है। इस दौरान कुछ महिलाओं को पीठ में दर्द हो सकता है। कुछ महिलाओं को दर्द कई दिन पहले भी शुरू हो सकता है और पीरियड्स के एकदम पहले भी हो सकता है। पीरियड्स का रक्त स्राव कम होते ही सामान्यतः यह दर्द भी खत्म हो जाता है। जिन भी माताओं बहनों को इस तरह के पीड़ादायक पीरियड्स आते हैं उनसे निवेदन है की पीरियड्स के दौरान देशी गाय का 1 चम्मच घी एक गिलास गर्म पानी में घोलकर घूंट-घूंट कर पियें ऐसा दिन में 2-3 बार किया जा सकता है और इससे तुरंत आराम मिलेगा।

Excessive Bleeding ( पीरियड्स के दौरान अधिक खून आना ) –

कुछ महिलाओं को पीरियड्स 5-8 दिन तक लगातार चलते रहते हैं और किसी-किसी में तो ये 8 दिन से ज्यादा भी चलते हैं और इस दौरान अधिक ब्लडिंग की समस्या के चलते महिलाओं की स्थिति ख़राब हो जाती है। जिन महिलाओं को एक्सेसिव ब्लीडींग की समस्या है उन्हें भोजन के दो घंटे बाद, दिन मे एक बार हरी धनिया की पत्तियों की चटनी खानी है और शाम को चार बजे एक चम्मच सूखे धनिया को आधा ग्लास पानी मे डालें, पानी आधा होने तक उबालें व काढ़ा छान कर पिएँ। इससे एक्सेसिव ब्लीडींग में तुरंत आराम मिलता है।

Blood clots during periods ( पीरियड्स के दौरान खून में चक्क्ते या थक्के आना ) –

कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान खून में चक्क्ते या थक्के आने की समस्या रहती है ऐसी महिलाओं के लिए समाधान है कि वो एक चम्मच कच्चा जीरा दिन मे दो बार चबाएँ इससे क्लॉट्स नहीं बनेंगे।

पी.एम.एस (पीरियड्स के पहले की बीमारी) –

पीरियड्स शुरू होने के 5 से 11 दिन पहले कुछ लक्षण शुरू हो जाते हैं। जिन्हें पी एम एस कहा जाता है। पीरियड्स शुरू हो जाने पर सामान्यतः ये लक्षण बन्द हो जाते हैं या फिर कुछ समय बाद बन्द हो जाते हैं। इन लक्षणों में सिर दर्द, पैरों में सूजन, पीठ दर्द, पेट में मरोड़, स्तनों का ढीलापन अथवा फूल जाने की अनुभूति होती है। इससे महिलाओं का व्यवहार काफी चिडचिड़ापन वाला हो जाता है। घरेलू उपायों के साथ साथ इस सभी समस्याओं के लिए हम उपलब्ध करवाते हैं एक अद्भुत उत्पाद वाग्भट्ट नारी सुधा अर्क, यदि आप चाहते हैं की आपको इस तरह की किसी समस्या से जूझना न पड़े तो आपको हमारा सुझाव रहेगा की आप Vagbhatt Nari Sudha Ark Amrut को अपने रूटीन में शामिल करें। यह एक ऐसा अद्भुत उत्पाद है जो मासिक धर्म की समस्याओं के साथ साथ PCOD, गर्भ न ठहर पाना, हार्मोनल डिसऑर्डर आदि कई समस्याओं में अमृत की तरह कार्य करता है। अभी आर्डर करने के लिये क्लिक करें

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