लालची भूखा सियार और जंगली सुअर ( पंचतंत्र की कहानी – panchtantra ki kahaniyan ) – एक दिन की बात है एक जंगल में एक शिकारी धनुष बाण लेकर शिकार करने पहुंचा। जब वह जंगल में पहुंचा वहां उसे एक मोटा जंगली सूअर दिखाई दिया। शिकारी ने उस मोटे-तगड़े सुअर पर नुकीले तीर से निशाना लगाया और तीर छोड़ दिया।
शिकारी के तीर से घायल होने के बावजूद सुअर ने शिकारी पर पलटकर हमला किया और शिकारी को मार डाला लेकिन ज्यादा खून बहने की वजह से बाद में सुअर भी मर गया।
कुछ देर बाद ही वहां खून की बू सूंघता हुआ एक भूखा सियार पहुँच गया। वह वहां पहुंचकर बहुत खुश हुआ क्योंकि उसे शिकारी और सुअर के रूप में दो-दो ताजा और पुष्ट शिकार वहां पड़े मिले।
यह देख सियार बहुत खुश हुआ और मन ही मन सोचने लगा कि “आज तो ईश्वर ने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की है। चलो, पहले, इस शिकारी से ही खाने की शुरुआत करता हूँ।”
सियार ने जैसे ही शिकारी के पास गया और शिकारी को खाने कि कोशिश की वैसे ही धनुष में लगा बाण जोकि शिकारी ने सूअर के हमला करने पर अपना बचाव करने के लिए सूअर पर ताना था, वह धनुष से छूटकर उस सियार के जा लगा और वह सियार वहीं पर मर गया।
लालच में आकर सियार बिना सोचे-समझे टूट पड़ा और अपनी जान गँवा बैठा, उसे खाना शुरू करने से पहले सोचना और सब कुछ ध्यान से देखना चाहिए था।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की बिना सोचे समझे लालच में डूबकर काम नहीं करना चाहिए अन्यथा हमारा ही नुकसान होगा।